कोटा. अदालत परिसर में शुक्रवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब एक महिला रोते- बिलखते नवजात बेटी का शव सीने से लगाए वहां पहुंची। पुलिस से नाउम्मीद महिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास पहुंची और इंसाफ की गुहार लगाई। उसने आरोप लगाया कि गुरुवार रात दो जनों ने घर में घुस उससे दुष्कर्म का प्रयास किया।विरोध करने पर उसकी एक माह की मासूम बेटी को वहशियों की तरह पैरों से कुचलकर मार डाला था। वैम्बे योजना निवासी मंजू (परिवर्तित नाम) ने सीजेएम को प्रार्थना पत्र पेश किया कि दशरथ सिंह व दल्ला नामक युवक उसके घर में घुस गए। उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। विरोध करने पर दोनों ने उसे पीटा और कमरे में सो रही एक माह की पुत्री को पैर से कुचलकर मार डाला। महिला का आरोप है कि इससे एक दिन पूर्व 3 जून को भी दशरथ व दल्ला ने उसके पति के साथ मारपीट की तथा उसे उठाकर ले गए। इस संबंध में उद्योग नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराना चाहा था, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उसकी व्यथा सुनकर सीजेएम ने तत्काल महिला को कार्रवाई के लिए एसपी भूपेन्द्र साहू के पास भेज दिया।
महिला एसपी ऑफिस पहुंची। एसपी ने एएसपी लक्ष्मण गौड़ को जांच के आदेश दिए। उद्योग नगर पुलिस को बुलवाया और महिला को उसके साथ थाने भेजा। महिला के बयान के आधार पर पुलिस ने वैम्बे योजना निवासी दशरथ व दल्ला के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म का प्रयास व मारपीट का मुकदमा दर्ज कर लिया। बालिका के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मामले की जांच की जा रही है।
यह है झगड़े का कारण
दोनों पक्षों में वैम्बे योजना के मकान पर कब्जे का झगड़ा है। महिला का मकान दशरथ व दल्ला हड़पना चाहते हैं। इसके लिए उसे डरा-धमकाकर यहां से भगाना चाहते हैं।
पुलिस की कहानी अलग
महिला व उसकी बड़ी बेटी के बयानों में विरोधाभास है। पड़ोसी भी घटना की तस्दीक नहीं कर रहे हैं। बालिका प्रीमेच्योर जुड़वां हुई थी। जिसमें से एक की मृत्यु उसी समय हो गई थी, दूसरी कमजोर थी। उसे कुचलकर मारा है या उसकी मौत स्वाभाविक है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगा। 3 जून को दशरथ, दल्ला व महिला के पति के बीच झगड़ा हुआ था। जिसमें उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। तभी से वह फरार है। उसका पति रतलाम से जिला बदर है।