Monday, October 19, 2009

पथरी की कोई उम्र नहीं...बच्चे भी घेरे में

19 Oct 2009, 1030 hrs IST,नवभारत टाइम्स।।
नई दिल्ली पथरी की दिक्कत सिर्फ बड़ों को नहीं, बल्कि बच्चों और यहां तक कि नवजात शिशुओं को भी हो रही है। डॉक्टरों का मानना है कि लाइफस्टाइल की वजह से दिक्कत और बढ़ रही है। सबसे खतरनाक बात यह है कि यह बीमारी साइलंट किलर है। ऐसे मामलों में दर्द नहीं होता और पथरी का पता नहीं लग पाता और यह बढ़ते-बढ़ते किडनी को खराब कर सकती है। ऐसे में खास तौर पर उन लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है जिनकी फैमिली में किसी को पथरी हुई हो। चीफ यूरोलॉजिस्ट डॉ. अनिल वार्ष्णेव ने बताया कि हाल ही में हमने सात महीने के एक बच्चे को ट्रीट किया जिसे पथरी थी। 10 महीने के एक बच्चे को भी ऑपरेट किया जिसके दोनों किडनी और ब्लैडर में स्टोन था। 6 साल से 12 साल के बच्चों के भी कई मामले आए हैं। छोटे बच्चों में स्टोन बनने की एक बड़ी वजह मेटाबॉलिक अबनॉरमिलिटी है। अगर फैमिली में किसी को स्टोन प्रॉब्लम हो तो इस बात के ज्यादा चांस हैं कि बच्चों में भी स्टोन बनें। लाइफस्टाइल भी इस दिक्कत को बढ़ा रही है। पानी कम पीने, कुपोषण, विटामिन ए की कमी से ब्लैडर स्टोन की संभावना ज्यादा रहती है। मोटापा, फास्ट फूड, ज्यादा नमक, ज्यादा नॉन वेजिटेरियन फूड खाने से किडनी स्टोन बढ़ता है। उन्होंने बताया कि पथरी के हर हजार मरीजों में से 10 बच्चे होते हैं। 20 से 40 साल की उम्र की कैटिगरी में हर चार में से एक को पथरी होती है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में इसकी चार गुना अधिक संभावना होती है। सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंशुमन अग्रवाल कहते हैं कि कई बार बच्चा बहुत रोता हो, यूरीन में खून आता हो, जलन होती हो, उल्टी होती हो और भूख नहीं लगती हो तो यह पथरी की शुरुआत हो सकती है। ऐसे में अनदेखी करने की बजाय जांच कराई जानी चाहिए। जिन लोगों की फैमिली में स्टोन की हिस्ट्री हो, उन्हें आंवला, चीकू, टमाटर, प्याज, पालक, काजू, कॉफी, कोला का कम इस्तेमाल करना चाहिए। एम्स में यूरो-ऑनको सर्जन डॉ. अमलेश सेठ कहते हैं कि अडल्ट में पथरी होने में डाइट का खासा रोल रहता है। इसलिए खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। अगर किसी को एक बार पथरी हो गई तो दोबारा होने का रिस्क 60-70 फीसदी होती है। कई लोग सोचते हैं कि ज्यादा दूध पीना अच्छा है लेकिन एक अडल्ट को 24 घंटे में आधा लीटर दूध या इससे बनी चीजों से ज्यादा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे कैल्शियम ज्यादा मिलेगा और पथरी की संभावना बढ़ेगी। बिना डॉक्टर की सलाह के पेन किलर लेना हानिकारक है, ये किडनी को नुकसान पहुंचाती है। कुछ एंटी बायोटिक कॉम्पोजिशन भी स्टोन फॉरमेशन को बढ़ा सकते हैं।