Monday, September 14, 2009

ٹینکر حملے : شہری بھی ہلاک

ٹینکر حملے : شہری بھی ہلاک
ایک رپورٹ کے مطابق افغانستان میں چار ستمبر کو نیٹو کے چوری ہونے والے ٹینکروں پر نیٹو بمباری میں ہلاک ہونے والوں میں تیس شہری شامل تھے۔

یہ بات افعان حکومت کی اس واقعہ میں تفتیش کی رپورٹ میں کہی گئی ہے۔ نیٹو نے اعتراف کیا تھا کہ اس بمباری میں کئی شہری مارے گئے تھے تاہم اس نے اپنی تفتیش کی رپورٹ ابھی تک عام نہیں کی ہے۔

افغانستان کے ایک تفتیش کار محمد اللہ بکتاش نے افغان حکومت کی تفتیش کے بارے میں بتایا ’ہم نے مقامی اہلکاروں، گاؤں کے لوگوں اور ضلعی گورنر سے بات کرنے کے بعد یہ اندازہ لگایا ہے کہ اس حملے میں 119 افراد ہلاک یا زخمی ہوئے۔‘ ان کا کہنا تھا کہ حملے میں تیس سویلین ہلاک اور نو زخمی ہوئے جبکہ 69 طالبان مارے گئے۔ ان کا کہنا تھا کہ ان طالبان میں سے بیس غیر مسلحہ تھے۔

تفتیشکار کا کہنا تھا کہ مکمل رپورٹ چند روز بعد عام کر دی جائے گی۔

بمبری کا یہ واقعہ چار ستمبر کو صوبہ کندوز میں بغلان کی مرکزی شاہراہ پر پیش آیا تھا۔ نیٹو کے یہ تیل کے ٹینکر طالبان لے کر جا رہے تھے۔ اس بمباری کا فیصلہ نیٹو کے جرمنی کے کمانڈروں نے کیا تھا اور اس واقعے کے بعد صدر کرزئی نے اس کو ایک ’غلط فیصلہ‘ قرار دیتے ہوئے ایک تفتیشی کمیشن کو علاقے میں بھیجا تاکہ اس کی تفتیش کی جا سکے۔

پچھلے ہفتے انسانی حقوق کی تنظیم ’افعان رائٹس مونیٹر‘ نے کہا تھا کہ اس کی معلومات کے مطابق اس حملے میں ساٹھ سے زیادہ شہری مارے گئے تھے۔

अब उत्तराखंड में चीनी घुसपैठ!

अब उत्तराखंड में चीनी घुसपैठ!
14 Sep 2009, 0900 hrs IST,एजेंसियां नई दिल्ली ।। भारत की सीमा में चीन की घुसपैठ का एक और मामला सामने आया है। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाऊ के मुताबिक इस बार उत्तराखंड में घुसपैठ हुई है। लोकल लोगों के मुताबिक 5 सितंबर को हुई इस घुसपैठ में चीनी चमोली जिले के रिमखिम तक आ गए थे। वे यहां बिस्किट के रैपर और सिगरेट के खाली पैकेट छोड़ गए। उधर चीनी सेना ने दोनों देशों के बीच 1962 में गतिरोध पैदा होने के बाद से पहली बार लद्दाख सेक्टर की काराकोरम रेंज से सटे इंटरनैशनल बॉर्डर पर कंस्ट्रक्शन किया है। जम्मू कश्मीर सरकार की एक रिपोर्ट कहती है कि वे एकमुश्त नहीं, बल्कि धीरे-धीरे जमीन हथिया रहे हैं। उत्तराखंड के चीफ मिनिस्टर रमेश पोखरियाल ने घुसपैठ की शिकायत केंद्र से कर दी है। उन्होंने पीएम और होम मिनिस्ट्री से कहा है कि चीन की ओर से लगातार होने वाली इस घुसपैठ पर रोकथाम के लिए उत्तराखंड की मदद की जाए। पोखरियाल चाहते हैं कि भारत-चीन बॉर्डर पर गश्त करने वाली सेना में बढ़ोतरी की जाए। हालांकि इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने मीडिया की इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा है कि सिक्युरिटी फोर्सेज हाई अलर्ट पर हैं और बॉर्डर पार की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं। आईटीबीपी के डीआईजी संजय सिंघल ने देहरादून में कहा कि मॉनसून के सीजन में कुछ गडरिए भेड़-बकरी चराते हुए इस ओर निकल आते हैं, जो 'असामान्य' नहीं है। काराकोरम रेंज में कंस्ट्रक्शन भारत के लिए चिंता की बात है। भारत और चीन के बॉर्डर के बीच वाले शिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र में आता है। यह भारत चीन बॉर्डर का उत्तरी छोर है, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के तौर पर जाना जाता है। इस दर्रे के पश्चिम में स्थित सियाचिन ग्लेशियर एरिया के नियंत्रण को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद में यह क्षेत्र बड़ी भौगोलिक भूमिका भी अदा करता है।