Monday, May 18, 2009

सपल news

गरीब देश की संसद में हर दूसरा सांसद करोड़पति
नई दिल्ली. 15वीं लोकसभा में जहां हर दूसरा सांसद करोड़पति है, वहीं हर चौथे सांसद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। नवनिर्वाचित सांसदों में से 300 की संपत्ति करोड़ों में हैं। वहीं 150 सांसद ऐसे हैं, जिनके एक या एक से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह विश्लेषण नेशनल इलेक्शन वॉच नामक संस्था ने प्रत्याशियों द्वारा दाखिल शपथ पत्र के आधार तैयार किया है। विश्लेषण के मुताबिक, नवनिर्वाचित सांसदों में से 73 के खिलाफ संगीन मामले दर्ज हैं, यह आंकड़ा पिछली लोकसभा के ऐसे सांसदों से 30.9 फीसदी ज्यादा है। पिछली लोकसभा में 128 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले और 55 के खिलाफ संगीन मामले विचाराधीन थे।
यूपी से सबसे ज्यादा दागी सांसद आए राज्यों के आधार पर 15 वीं लोकसभा में सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश से निर्वाचित 30 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले में हैं। इसके बाद महाराष्ट्र (23) व बिहार (17) का स्थान है। मध्यप्रदेश के 4, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के दो-दो व दिल्ली के एक सांसद के खिलाफ आपराधिक मामला है।
करोड़पति सांसदों में भी यूपी आगे
करोड़पति सांसदों में भी उत्तरप्रदेश (52) यूपी सबसे आगे है। इसके बाद महाराष्ट्र (37) व आंध्र प्रदेश (31) का स्थान है। मध्यप्रदेश के 15, राजस्थान के 14, पंजाब के 13, गुजरात के 12, हरियाणा के 9, दिल्ली के 7, हिमाचल प्रदेश के 3 और छत्तीसगढ़ के 2 व चंडीगढ़ का एक सांसद करोड़पति है। सबसे धनवान सांसद खम्मम से टीडीपी के नामा नागेश्वर राव (173 करोड़ रुपए) हैं। दूसरा स्थान हरियाणा के कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल (131 करोड़ रुपए) का है।

करोड़पति सांसद

कांग्रेस : 138

भाजपा : 58

सपा : 14

बसपा : 13

डीएमके : 11

शिवसेना : 9

जेडीयू : 8

बीजेडी : 7

एआईटीसी : 6

शिरोमणि अकाली दल : 6

‘राजनीति में आपराधिक तत्वों के आने का सबसे बड़ा कारण प्रत्याशियों के चयन में पार्टियों की मनमानी है। सभी पार्टियां ईमानदारी की बजाय धन व बाहुबल को जीत का बड़ा पैमाना मानती हैं।’ - अनिल बैरवाल, समन्वयक, इलेक्शन वॉच

‘राजनीतिक दलों की बाहुबलियों को टिकट देने की प्रवृत्ति देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है। नई सरकार को बाहुबलियों को राजनीति में आने से रोकने का काम अपनी कार्यसूची में शामिल करना चाहिए।’

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