Tuesday, May 12, 2009

नई दिल्ली, 11 अप्रीलः कहते हैं कि चोर करे चोरी उपर से सीना जोरी। इस समय दिल्ली के वातावरण में राजनितीज्ञों और पुलिस प्रशासन के दोमुहे कार्य क्रम से यही सबकुछ होरहा है। यही कारण है कि दोषी और असमाजिक तत्वों को आसानी से शरण मिल जाती है और निर्दाेष कानुन की चक्की में पिसने पर मजबूर होता है। पुलिस स्टेशनों में असमाजिक तत्वों की सांठगांठ होने के कारण आम जन्ता इनके द्वारा दी गई पिराओं को विवष होकर सहती है और अनदर ही अनदर घुटती रहती है। कुछ इसी प्रकार की समस्याओं से दोचार हैं त्रिलोकपुरी निवासी फैयाज (अल्ला रख्खा)। उनका कहना है कि गत 19 अप्रील को उनका साला मुरतजा निवासी 597 गली कुम्हारन दिल्ली-6 अपनी पत्नी मिन्हाज निशात एक अन्य व्यक्ती के साथ अपने मकान मालिक बाबु हाजी खान के घर से नकद एवं बहूमूल्य आभुषण लेकर फरार होगए और मुरतजा को मिनहाज ने कहीं छुपा कर रख दिया। उसके पश्चात उक्त महिला ने पहाड़गंज थाने में यह रिपोर्ट कराई कि उसके पति का उसी के जिजा अल्ला रख्खा ने अपहरण कर लिया है। यह महिला की अल्ला रख्खा को ब्लैकमेल करने की एक चाल है। जब संवाददाता ने महिला के विषय में छानबीन की तो पता चला कि यह औरत मुल्य रूप से पुणे की रहने वाली है और दिल्ली में कई स्थानों पर किराएदार के रूप में रहते हुए बहुत सारे व्यक्तियों को चुना लगा चुकी है। पटेलनगर स्थित प्रीती ज्वेलर के मालिक सरदार जी ने बताया कि उक्त महीला निशा नाम बताकर उनके पास किराए पर रहती थी और वह वहां से बहुत से लागों को अपनी ठगी का शिकार बनाकर फरार होगई। जबकि करोलबाग में ज्वेलरी की दुकान चला रही मंजुराम ने संवाददाता को बताया कि मिनहाज हमारे पास अपना हिन्दु नाम निशा बता कर काफी समय किराएदार के रूप में रही और 15000रु. नकद व 6 महीने का किराया लेकर फरार होगई। और लोगों से बात करने पर महिला के कई और रूप सामने आए। पता चला कि मिनहाज कई लड़कियों को फंसाकर देह व्यपार में भी लुप्त रही है। आश्चर्य की बात यह है कि जिस समय अल्लारख्खा उक्त महिला के खिलाफ शिकायत करने के लिए पहाड़गंज पुलिस स्टेशन पहुचे तो उस समय मिनहाज एस. एच. ओ. के पास ही बैठी थी। मगर उन लोगों को एस. एच. ओ. ने अपने आफिस से बाहर कर दिया और मिनहाज से बात करते रहे। जब इस तरह की हरकतें हमारे थानों में होने लगेंगी तो आम नागरिक किस की शरण में पनाह लेगा कहना मुश्किल है।

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