Tuesday, May 12, 2009

मोदी से मुलाकात पर घिरे नीतीश May 11, 10:41 pm

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से हंस-हंसकर बात और मुलाकात ने विपक्ष को एक नया हथियार दे दिया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने सोमवार को नीतीश पर जमकर निशाना साधा। उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि पर भी सवाल उठाए। लालू और पासवान ने तो राहुल गांधी पर भी ताने कसे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा-'इसमें दो राय नहीं कि नीतीश कुमार की छवि धर्मनिरपेक्ष नेता की रही है। लेकिन रविवार को लुधियाना में राजग की रैली में नीतीश को नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते देखा तो मुझे भी शंका हो गई।' बाढ़ राहत मामले में बिहार के साथ भेदभाव संबंधी नीतीश कुमार के आरोप को ठीक 24 घंटे बाद प्रधानमंत्री ने गलत करार दे दिया। मनमोहन सिंह ने कहा-'नीतीश कुमार झूठ बोल रहे हैं। बाढ़ राहत के लिए केंद्र द्वारा बिहार को तत्काल दिए गए 1000 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए। इसलिए केंद्र ने वापस मांग लिया।'

लुधियाना में राजग की रैली के दौरान नीतीश कुमार ने केंद्र पर आरोप जड़ा था कि बिहार में लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाने के दस मिनट बाद ही केंद्र ने फैक्स भेजकर 1000 करोड़ रुपये वापस मांग लिए। केंद्र की सरकार बनाने में नीतीश से सहयोग की संभावना पर मनमोहन ने कहा कि चुनाव परिणाम आ जाने के बाद इस दिशा में सोचा जाएगा।

रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सोमवार को पटना में कहा कि नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्षता का प्रमाण पत्र देने वाले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं को अब पछतावा हो रहा होगा। वे अब जान गए होंगे कि नीतीश कुमार कितने धर्मनिरपेक्ष हैं। राजद सुप्रीमो ने कहा-'मैं तो पहले से ही कहता आ रहा हूं कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है।' लालू ने कहा कि नीतीश कुमार ने दिल्ली में राजग की पिछली रैली में यह कहकर हिस्सा लेने से इन्कार कर दिया था कि नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच पर नहीं आना चाहते। लेकिन बिहार में चुनाव समाप्त होते ही लुधियाना रैली में वह अपनी असलियत में लौट आए हैं।

चंडीगढ़ में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए लालू ने गुजरात दंगों का जिक्र किया और नरेंद्र मोदी को 'हत्यारा' करार दिया। चंडीगढ़ की रैली में ही लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने भी लालू के अंदाज में ही तंज कसे और कहा कि नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष के रूप में प्रचारित करने वालों को चाहिए कि दो बार सोचें। उन्होंने कहा-'नीतीश कुमार अवसरवादिता की सारी सीमाएं तोड़ चुके हैं।'

प्रधानमंत्री से सेक्यूलर होने की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं: नीतीश

पटना [जागरण ब्यूरो]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अपने सेक्यूलर होने का सर्टिफिकेट उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेने की जरूरत नही है। डा.मनमोहन सिंह सेक्युलर युनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर नहीं है जिनसे सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। किसी से हाथ मिला लेने भर से कोई व्यक्ति सांप्रदायिक नहीं हो जाता।

उन्होंने कहा कि आज जो लोग धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते फिर रहे हैं 16 मई को चुनाव परिणाम आने तक इंतजार करें। पता चल जाएगा कौन कितना सेक्युलर है।

गौरतलब है कि लुधियाना की एनडीए रैली के मंच पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से हाथ मिलाये जाने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष नेता होने की छवि पर संदेह व्यक्त किया था।

नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कोसी राहत कार्य की राशि खर्च नही करने के बयान पर भी घोर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोसी आपदा के समय बाढ़ पीड़ितों की राहत सहायता के लिए मिली राशि खर्च कर दी गई है। इसलिए इसे केंद्र सरकार को लौटाने का प्रश्न नहीं उठता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी के प्रलय के समय खुद प्रधानमंत्री आए और इसे राष्ट्रीय आपदा माना। उन्होंने 1000 करोड़ रुपए दिए। राहत में खर्च की गई राशि को भी गलत आंकड़ों के आधार पर सरप्लस बताकर 1000 करोड़ की राशि वापस मांगी जा रही है। यह अन्याय है और हम केंद्र की इस कार्रवाई के खिलाफ हर उस माध्यम का इस्तेमाल करेंगे जो संभव है। मुख्यमंत्री का इशारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की ओर था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्यारहवें वित्त आयोग की अनुशंसा के मुताबिक 1 अप्रैल 2005 को सीआरएफ का बैलेंस 554.97 करोड़ था जो राज्य की समेकित निधि का हिस्सा हो गया। केन्द्र उस राशि को बैलेंस मानते हुए कह रहा है कि इस वर्ष कोसी में बाढ़ राहत खर्च पर नियमत: 497 करोड़ की सहायता राशि बनती है। इसलिए इसे बकाए राशि मे एडजस्ट कर केंद्र ने जो एक हजार करोड़ की राशि दी थी उसे बिहार सरकार लौटाए।

मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा को लागू कर दिया। इसके आधार पर जो राशि बिहार सरकार के समेकित निधि का हिस्सा हो गई उसे बचत बताकर हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को इस संबंध में सोमवार को पत्र भी भेजा गया है। जरूरत पड़ी तो वह खुद प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि आज भी कोसी क्षेत्र में हजारों लोग अपनी रोजी रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

कोसी के लिए केंद्र से मिले 1000 करोड़ खर्च: नीतीश

पटना [जागरण ब्यूरो]। कोसी के प्रलय से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिली 1000 करोड़ की सहायता राशि को लेकर केन्द्र और बिहार सरकार में ठन गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राशि खर्च नही करने के बयान पर घोर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोसी आपदा के समय बाढ़ पीड़ितों की राहत सहायता के लिए मिली राशि खर्च कर दी गई है। इसलिए इसे केंद्र सरकार को लौटाने का प्रश्न नहीं उठता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी के प्रलय के समय खुद प्रधानमंत्री आए और इसे राष्ट्रीय आपदा माना। उन्होंने 1000 करोड़ रुपए दिए। हमने सुनामी या भुज में आए भूकम्प की तर्ज पर पुर्नवास के लिए 14800 करोड़ की सहायता मांगी। पुर्नवास की हमारी मांग पर गौर नहीं किया गया। राहत में खर्च की गई राशि को भी गलत आंकड़ों के आधार पर सरप्लस बताकर 1000 करोड़ की राशि वापस मांगी जा रही है। यह अन्याय है और हम केंद्र की इस कार्रवाई के खिलाफ हर उस माध्यम का इस्तेमाल करेंगे जो संभव है। मुख्यमंत्री का इशारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की ओर था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्यारहवें वित्त आयोग की अनुशंसा के मुताबिक 1 अप्रैल 2005 को सीआरएफ का बैलेंस 554.97 करोड़ था जो राज्य की समेकित निधि का हिस्सा हो गया। केन्द्र उस राशि को बैलेंस मानते हुए कह रहा है कि इस वर्ष कोसी में बाढ़ राहत खर्च पर नियमत: 497 करोड़ की सहायता राशि बनती है। इसलिए इसे बकाए राशि मे एडजस्ट कर केंद्र ने जो एक हजार करोड़ की राशि दी थी उसे बिहार सरकार लौटाए। मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा को लागू कर दिया। इसके आधार पर जो राशि बिहार सरकार के समेकित निधि का हिस्सा हो गई उसे बचत बताकर हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता का हक किसी भी कीमत पर लिया जाएगा। केन्द्र सरकार को इस संबंध में सोमवार को पत्र भी भेजा गया है। जरूरत पड़ी तो वह खुद प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि आज भी कोसी क्षेत्र में हजारों लोग अपनी रोजी रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

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