Wednesday, June 3, 2009

राजनीति में लंबा सफर तय किया है मीरा कुमार ने


राजनयिक से राजनेता बनने वाली कांग्रेस के दलित चेहरे मीरा कुमार ने 1980 के दशक के मध्य में चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने तक एक लंबा सफर तय किया है। मीरा कुमार कांग्रेस के दिवंगत नेता जगजीवन राम की पुत्री हैं। पिछले एक पखवाड़े में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आंध्र प्रदेश के कांग्रेस नेता किशोर चंद्र देव का नाम प्रमुखता से आने के बाद मीरा कुमार के नाम पर अचानक सहमति बनी। 64 वर्षीय मीरा कुमार ने 1985 में भारतीय विदेश सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था। वह पांच बार सांसद चुनी गई हैं। उन्होंने 2002 में कांग्रेस नेतृत्व से मतभेद होने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि दो साल बाद ही वह फिर पार्टी में लौट आईं।
मीरा कुमार सबसे पहले पीवी नरसिंह राव के मंत्रिमंडल में उपमंत्री बनी थीं और 2004 के लोकसभा चुनाव में जब संप्रग ने सत्ता की बागडोर संभाली तो उन्हें कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया। मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में जल संसाधन मंत्रालय का प्रभार संभालने के महज दो दिन बाद ही उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने का निर्णय किया गया। विधि स्नातक और अंग्रेजी में मास्टर डिग्री प्राप्त मीरा को 1973 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुना गया था। उन्होंने स्पेन ब्रिटेन और मारीशस के दूतावासों में अपनी सेवाएं दीं। वह भारत-मारीशस के संयुक्त आयोग की सदस्य भी रहीं।मृदु भाषी मीरा 1985 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर से लोकसभा सदस्य चुनी गईं। वह दिल्ली की करोलबाग सीट से 1996 अ©र 1998 में सांसद चुनी गईं। लेकिन 1999 में जब राजग सत्ता में आया तो वह चुनाव हार गईं। वह 2004 में बिहार के सासाराम से लोकसभा सदस्य चुनी गईं और उन्हें केंद्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया। सासाराम उनके पिता का निर्वाचन क्षेत्र था। मीरा कुमार 1990 से 1992 तक कांग्रेस की महासचिव रहीं। इसके बाद वह 1996 से 1998 तक भी इस पद पर रहीं। वह पहली बार 1990 में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की सदस्य बनीं और 2000 तक इस पद पर रहीं। गौरतलब है कि दो साल के अंतराल के बाद 2002 में वह फिर से कांग्रेस कार्यकारिणी में शामिल हुईं अ©र 2004 तक सदस्य बनी रहीं। मीरा का जन्म 31 मार्च 1945 को पटना में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कालेज अ©र मिरांडा हाउस में शिक्षा हासिल की। उन्होंने स्पैनिश भाषा में एडवांस्ड डिप्लोमा भी किया था। उन्हें राइफल निशानेबाजी के लिए पदक भी मिला है। विधि की डिग्री के साथ वह उच्चतम न्यायालय बार एशोसिएशन की 1980 में सदस्य बनीं। उनकी शादी उच्चतम न्यायालय के एक वकील मंजुल कुमार के साथ हुई थी। उनका एक बेटा अ©र दो बेटियां हैं।

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