Wednesday, September 9, 2009

इशरत जहां का इनकाउंटर फर्जी नहीं थाः गुजरात सरकार

8 Sep 2009, 1716 hrs IST,एजेंसियां अहमदाबाद ।। गुजरात सरकार ने इशरत जहां केस की न्यायिक जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ऊंची अदालत में
चुनौती देने का फैसला किया है। उसने मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट एस. पी. तमांग पर न्यायाधिकार की हद से बाहर कदम उठाने का भी आरोप लगाया है। रिपोर्ट में गुजरात पुलिस पर आरोप लगा है कि उसने जून 2004 में कॉलेज स्टूडेंट इशरत जहां और उसके तीन दोस्तों जावेद गुलाम उर्फ प्रनेश कुमार पिल्लई, अमजद अली उर्फ राजकुमार अकबर अली राणा और जीशान जौहर अब्दुल गनी को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस का कहना है कि ये लोग लश्कर-ए-तैबा से जुड़े थे और सीएम नरेंद्र मोदी को मारना चाहते थे। गुजरात सरकार ने कहा है कि केंद्र को भी पता था कि इन लोगों का टेरर लिंक है। चारों के बारे में भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि ये लोग लश्कर से जुड़े हैं। यह हलफनामा इशरत की मां शमीना की याचिका पर सुनवाई के दौरान दाखिल किया गया था। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री जयनारायण व्यास ने कहा कि जांच रिपोर्ट कानूनसम्मत नहीं है और इसलिए राज्य सरकार इसे चुनौती देगी। उन्होंने कहा कि जांच में इस मामले में जो धाराएं लगाई गई हैं वह तर्कसंगत नहीं हैं। व्यास अचंभित हैं कि मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट कैसे मामले की जांच को आगे बढ़ा सकते हैं जबकि 13 अगस्त 2009 को गुजरात हाई कोर्ट ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय पुलिस जांच का आदेश दे दिया था। इसके लिए 30 नवंबर तक का समय निर्धारित किया गया था।

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