Sep8, 2009, 1030 hrs IST,नवभारत टाइम्स शेयर सेव कमेन्ट टेक्स्ट:
अहमदाबाद ।। गुजरात सरकार को करारा झटका देते हुए एक न्यायिक जांच में कहा गया है कि इशरत जहां की हत्या फर्जी एंकाउंटर मे हुई है। जांच के अनुसार कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की इशरत जहां और तीन अन्य को संदिग्ध रूप से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के मिशन पर बताकर 2004 में की गई उनकी हत्या दरअसल पुलिस की फर्जी मुठभेड़ का मामला था। मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट एस.पी. तमांग की जांच रिपोर्ट सोमवार को यहां मेट्रोपॉलिटन अदालत में जमा कराई गई। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैबा से भी संबंधित बताकर पुलिस ने इन चारों की नृशंस तरीके से हत्या की। मैजिस्ट्रेट तमांग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि चारों का आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैबा से कोई संबंध नहीं था। उल्लेखनीय है कि मुंबई की रहने वाली 19 वषीर्य इशरत जहां और तीन अन्य व्यक्ति जावेद गुलाम शेख उर्फ प्रणेश कुमार पिल्लई, अमजद अली उर्फ राजकुमार, अकबर अली राना और जीशान जौहर अब्दुल गनी को 15 जून, 2004 को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था। क्राइम ब्रांच के तत्कालीन चीफ डी.जी. वंजारा ने तब दावा किया था कि इन चारों का लश्कर-ए-तैबा से संबंध था और ये मोदी की हत्या के मिशन पर आए थे। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में मुख्य अभियुक्त वंजारा फिलहाल सलाखों के पीछे है।गुजरात हाई कोर्ट ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में आगे की जांच-पड़ताल के लिए बीते माह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इशरत की मां शमीना की याचिका पर यह समिति गठित की गई थी। शमीना ने आरोप लगाया था कि गुजरात पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में उनकी बेटी को मार गिराया। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले के बाद इस तरह का यह दूसरा मामला है जिसकी जांच दोबारा कराई जा रही है। न्यायिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों और उनके मातहतों ने अपने सर्विस रिवॉल्वर्स का इस्तेमाल करते हुए चारों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी। मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट एस.पी.तमांग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मुठभेड़ फर्जी थी। चारों को पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई। यहां तक कि पोस्टमॉटर्म रिपोर्ट के मुताबिक चारों की मौत गोलियां लगने से हुई।
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