Friday, September 11, 2009

बीरबल की खिचड़ी बन गई शीला की दाल

बीरबल की खिचड़ी बन गई शीला की दाल
30 Jul 2009, 0831 hrs IST,नवभारत टाइम्स प्रिन्ट ईमेल Discuss शेयर सेव कमेन्ट टेक्स्ट:
नई दिल्ली ।। दालों की बढ़ती कीमत से दिल्लीवासियों को राहत दिलाने का दिल्ली सरकार का फॉर्म्युला पहले ही दिन फ्लॉप शो साबित हुआ। काफी जगहों पर दालों का स्टॉक नहीं पहुंचा और जहां पहुंचा भी तो बेहद देरी से। कई जगह तो सस्ती दाल बिकने के बारे में बैनर भी नहीं लगे थे। पूरी दिल्ली में लोग सुबह 9 बजे से ही सस्ते दाम पर दाल खरीदने पहुंचने लगे थे , लेकिन तीन से चार घंटे तक इंतजार करने के बाद आखिरकार लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। साउथ दिल्ली के पुष्प विहार में तो लोगों का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने सर्कल ऑफिस के बाहर खूब हंगामा किया। उधर , दिल्ली के फूड और सप्लाई मंत्री हारून यूसुफ ने ट्रैफिक जाम को दालों के देर से पहुंचने की वजह बताया है। दाल के दामों में पिछले कुछ दिनों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में लोगों को सस्ती दामों पर दालें उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार ने अपने फूड डिपार्टमंट के सभी सर्किल ऑफिसों के अलावा दिल्ली सचिवालय में बुधवार से दालों की बिक्री शुरू करने की घोषणा की थी। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के 80 सेंटरों में से लगभग 40 पर ही दाल पहुंची। हालांकि इनमें से भी कई सेंटरों पर शाम तक ही स्टॉक पहुंच सका। हालांकि हारून यूसुफ का दावा है कि 65 सर्किलों पर दाल पहुंचा दी गई। उनका कहना है कि सरकार के पास दाल की कमी नहीं है और राजधानी में जब तक दालों की कीमतें सामान्य स्तर पर नहीं आ जातीं , तब तक सरकार लोगों को सस्ते दाम पर दाल उपलब्ध कराती रहेगी। उन्होंने बताया कि बुधवार को ट्रैफिक जाम की वजह से दालों से लदे ट्रक सही समय तक सर्किल ऑफिसों तक नहीं पहुंच पाए। गुरुवार से दाल की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए विभाग के एक अधिकारी को एक ट्रक के साथ तैनात किया जाएगा। शालीमार बाग में रहने वाले एक बुजुर्ग बी . एन . कृष्णन सुबह 9 बजे ही सस्ती दाल लेने फूड डिपार्टमेंट के सर्किल ऑफिस पहुंच गए थे। धीरे - धीरे वहां और लोग भी जुटने लगे। अधिकारियों को भी दाल के देरी से आने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आखिरकार करीब साढ़े तीन घंटे की देरी से एक टेम्पो दाल लेकर पहुंचा।

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